तुम्हारे दिव्य दर्शन की इच्छा में लेके आया हूं

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तुम्हारे दिव्य दर्शन की मैं इच्छा ले के आया हूँ ।
पिला दो प्रेम का अमृत पिपासा लेके आया हूँ ।।१ ।।

रतन अनमोल लाते लाने वाले भेट को तेरी ।
मैं केवल आसुओं की मञ्जुमाला लेके आया हूँ || २ ||

 

जगत् के रंग सब फीके तू अपने रंग में रंग दे ।
मैं अपना यह महाबदरंग बाना लेके आया हूँ || ३ ||

प्रकाशानन्द हो जाए मेरी अँधेरी कुटिया में |
तुम्हारा आसरा विश्वास आशा लेके आया हूँ।।४ ।।

 

तव वन्दन हे नाथ करें हम ।

 

हे प्रभु हम तुमसे वर पाएं

 

 

ओम बोल मेरी रचना घड़ी घड़ी

 

 

बेला अमृत गया आलसी सो रहा

 

 

उठ जाग मुसाफिर भोर भई अब रैन कहां जो सोवत है

 

 

अमृत वेला जाग अमृत बरस रहा

 

 

प्रातः कालीन गीत , जाग गए अब सोना क्या रे

 

 

ओ३म् ध्वजगान

 

 

यह ओ३म का झंडा आता है

 

 

राष्ट्रगान आ ब्रह्मन् ब्राह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायताम् ।

 

 

आर्य वीर दल ध्वज गान

 

 

राष्ट्रगान आ ब्रह्मन् ब्राह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायताम् ।

 

 

 

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