दान करें

किसी भी संगठन की उन्नति बिना अर्थ के संभव नहीं है। इसलिए महर्षि दयानंद जी ने अपने पवित्र कमाई के सत्तांस भाग सामाजिक कार्यों के लिए देने का प्रावधान किया है।

हमें भी आर्य वीर दल के द्वारा किए जाने वाले चरित्र निर्माण शिविरों एवं सामाजिक कार्यों के लिए और संगठन की उन्नति के लिए दान निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।

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