यह धरती हिन्दुस्तान की

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यह धरती हिन्दुस्तान की ।
ना तेरी है, ना मेरी है, यह बेटी वीर किसान की।
खेत में इसके उगे सचाई, प्यार भरा खलिहानों में।
बाग में खुशबू उड़े अमन की, दिया जले तूफानों में।
एक साथ मिल कदम बढ़ाए है मज़दूर किसान की । । १ । ।
भाव भावना भरतनाट्यम्, झूमर मणिपुरी की है।
खोकी कत्थक वाली है, और मुद्रा कथकली की है।
गले हार तुलसी की माला, बोली है रस खान की ।।२।।

यह आर्यों की आदि भूमि है 👇 https://aryaveerdal.in/yah-aaryo-aadi-ki-bhumi-hai/

हरयाणा पंजाब के गभरू, वीर हैं राजस्थान के ।
बुन्देले और मर्द मराठे, मरना जाने आन पे।
शिवा प्रताप राणी झाँसी, नेताजी के बलिदान की । । ३ । ।
देता है आवाज हिमालय, जननी तुम्हें बुलाती है।
बदल रहा इतिहास समय की, चाल बदलती जाती है।
पूजन करो वतन की मिट्टी, मूरत है भगवान् की ।।४।।

वन्दे मातरम् 👉https://aryaveerdal.in/vande-matram/

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