स रें स, प नी ध, ध प ग प म, स रे स, ध प म ग प
तुम समय की रेत पर, छोड़ते चलो निशान।
देखती है यह जमीं, देखता है आसमान।।
तुम समय की रेत पर ऽऽऽऽ
लिखते चलो नौनिहाल नित नई कहानियाँ ।
तुम मिटा दो ठोकरों से जुल्म की निशानियाँ ।
कल की तुम मिसाल हो सब से बेमिसाल हो।।
तिनके तिनके को बना दो जिन्दगी का आशियाँ।।१।।
उठो दयानंद के सिपाहियों 👇 https://aryaveerdal.in/utho-dyanand-ke-sipahiyon/
तुम जिधर चलो उधर रास्ता बने नया ।
एक उठाए सबका बोझ वक्त है चला गया।
सब कमाएँ एक साथ काम करें सबके हाथ ।।
जो भी आगे बढ़ रहा है देखता उसे जहाँ।।२।।
ये निशान एक दिन जहान का अमन बनें।
ये निशान एक दिन प्रीत का चमन बनें।
हँसते हुए हम सफर गाते चलें हम निडर ।
आगे आगे बढ़ता चले जिन्दगी का कारवाँ ।।३।।
जाग जाग नौजवान 👇 https://aryaveerdal.in/jag-jag-naujwan/