प्रभु प्यारे से जिसका सम्बन्ध है ।
उसे हर दम आनन्द ही आनन्द है ।।
झूठी ममता का करके किनारा,
ले के सच्चे प्रभु का सहारा ।
गीत :- उठ जाग मुसाफिर 👉 https://aryaveerdal.in/uth-jaag-musafir-bhor-bhai-ab-rain-kahan-jo-sovat-hai/
जो उसकी रजा में रजामन्द है । । १ । ।
जिसकी कथनी में कोयल-सी चहक है।
जिसकी करनी में फूलों-सी महक है।
प्रेम नरमी ही जिसकी सुगन्ध है।।२।।
गीत :- तुम्हारे दिव्य दर्शन की इच्छा 👇 https://aryaveerdal.in/तुम्हारे-दिव्य-दर्शन-की-इ/
निन्दा चुगली ना जिसको सुहाए।
बुरी संगत की रंगत ना भाए ।
सत संगत ही जिसको पसन्द है ।।३।।
दीन दुःखियों के दुःख जो मिटाए ।
बन के सेवक भला सबका चाहे ।
नहीं जिसमें घमण्ड और पाखण्ड है ।।४।।