निकल रहा सूरज प्राची में, गया अंधेरा काला ।
हम आए किरणों के पथ से लेकर नया उजाला ।।
इक ज्योति जगाएँगे।
मानव के मन में फैला हम तिमिर मिटाएँगे ।।
यह देश है देवों का जिसने अमृत का पान किया।
सब ही सुखी निरोग बनें वेदों ने ऐसा गान किया।
आज सुप्त मानवता को हम पुनः जगाएँगे….. (१)
संकल्प गीत : – 👇 https://aryaveerdal.in/chhote-chhote-pav-hai/
ढेर बना खुद ही बारूदी उस पर जा बैठी दुनिया |
चैन भला पाएगी क्या जब खुद से ही रूठी दुनिया |
इस दुनिया को प्रेम प्रीति की रीत सिखाएँगे……(२)
हर भाषा सिखलाती है दिल से दिल की वाणी बोलो।
धर्म सिखाता है बन्दे को एक तराजू पर तोलो।
भेदभाव की दीवारों को तोड़ गिराएँगे……(३)
पहुँच गया इक हाथ हमारा चाँद गगन चोटी पर ।
हाथ दूसरा माँग रहा है रोटी इस धरती पर।
इन दोनों हाथों का मेल मिलाप कराएँगे…..(४)
चरित्र निर्माण:- 👇 https://aryaveerdal.in/charitra-nirman/