गीत :- हम सब ब्रह्मचारी 👇 https://aryaveerdal.in/ham-sab-brahmchari/
निर्माणों के पावन युग में, हम चरित्र निर्माण न भूलें।
स्वार्थ साधना की आँधी में, वसुधा का कल्याण न भूलें ।।
माना अगम अगाध सिन्धु है, संघर्षों का पार नहीं है।
किन्तु डूबना मझधारों में, साहस को स्वीकार नहीं है।।
जटिल समस्या सुलझाने को, नूतन अनुसन्धान न भूलें ।।१।।
गीत :- छल कपट मिटाना है 👇https://aryaveerdal.in/chhal-kapat-mitana-hai/
शील विनय आदर्श सभ्यता, तार बिना झंकार नहीं है।
शिक्षा क्या स्वर साध सकेगी, यदि नैतिक आधार नहीं है ।।
कीर्ति कौमुदी की गरिमा में, संस्कृति का सम्मान न भूलें ।। २ ।।
आविष्कारों की कृतियों में, यदि मानव का प्यार नहीं है।
सृजनहीन विज्ञान व्यर्थ है, प्राणी का उपकार नहीं है ।।
भौतिकता के उत्थानों में जीवन का उत्थान न भूलें ||३||
गीत :- मुझको आज महान बना दो 👇https://aryaveerdal.in/mujhko-aaj-mahan-bna-do/