शहीदों की याद 👇🏻https://aryaveerdal.in/shahido-ki-yad/
सौ बार जन्म लेंगे सौ बार फनाह होंगे।
अहसान दयानन्द के फिर भी न अदा होंगे।।
गुजरात की धरती से सूरज की किरण फूटी।
अज्ञान अविद्या के दानव की कमर टूटी।
पुरनूर हुआ भारत अब अर्जों शमा होंगे।।१।।
निराकार की पूजा को हृदय में उतारा था।
पाषाण का अभिनन्दन कब उसको गँवारा था ।।
मुँह मोड़ लिया जिनके पत्थर के खुदा होंगे ।।२।।
कसम है नौजवानों 👇🏻https://aryaveerdal.in/kasam-hai-tumhe-naujawano/
वीर आर्य मुसाफिर से बलिदानी दिए हमको।
स्वामी श्रद्धानन्द जैसे सेनानी दिए हमको।।
खूँ जिनकी शहादत के हर गम की दवा होंगे।।३।।
स्वागत के लिये उनके पाषाण थे या कंकर ।
ग़म खा के बने हनुमन् विष पी के बने शंकर ।।
फूल उनके मुकद्दर में होंगे भी तो क्या होंगे।। ४ ।।