हमें तो उन शहीदों की कहानी याद आती है।
चढ़ा दी भेंट में उठती, जवानी याद आती है।।१।।
गुरु गोविन्द के बच्चे, चिने सरहिन्द दिवारों में ।
करी गंगू ने मिलकर के, नादानी याद आती है ।।२।।
हकीकतराय बच्चे ने धर्म पर जान दे दीनी ।
करी थी काजी लोगों ने, परेशानी याद आती है ।।३।।
बहादुर वीर बन्दे का, बदन चिमटों से नोचा था।
चीर लड़का दिया मुँह में, बेईमानी याद आती है ।।४।।
भूल न जाना आर्य समाज 👇🏻 https://aryaveerdal.in/bhul-na-jana-aary-samaj/
बहादुर नाना की मैना, जलाई जिन्दा अग्नि में।
करी थी गोरों ने मिलकर वो शैतानी याद आती है।।५।।
लड़ी थी गोरों के संग में, पीठ से बाँधकर बच्चा ।
हमें तो वीर झाँसी की वो, रानी याद आती है ।।६।।
बाग जलियान वाले को, क्या भारत भूल जाएगा।
बहाया खून डायर ने, वो रवानी याद आती है ।।७।।
गिराया बम्ब असेम्बली में, काकोरी रेल को रोका।
खपी लट्ठों से लाजपत की, जिन्दगानी याद आती है ।।८।।
चलाया शुद्धि का चक्कर, बचाया आर्य जाति को ।
पण्डित लेख श्रद्धानन्द की, बलिदानी याद आती है ।। ९ ।।
आर्य समाज ने 👉🏻https://aryaveerdal.in/aary-samaj-ne/