नी ध नी स नी ध म ग ग म ध नी स स
राग सोहनी त्रिताल
तुम इतने महान् बन आए। हम तुमको पहचान न पाएं।।
तुमने अमृत हमें पिलाया। हमने तुमको जहर पिलाया।
फिर भी तुमने शाप न देकर, वेद सुरभि से हम महकाए।।१।।
कसम है तुम्हे नौजवानों 👇🏻https://aryaveerdal.in/kasam-hai-tumhe-naujawano/
तुमने अपना वैभव यौवन । मानव हित में सदा लुटाया।
मानव ने पत्थर बरसाए, तुमने उन पर रत्न लुटाए ।।२।।
आती हमको याद तुम्हारी। वे तप त्याग तितिक्षा प्यारे।
काँटों से क्षत विक्षत होकर, पुष्प मनोहर चुनकर लाए।।३।।
तुमने प्रेम भरे हृदय से। जिनके जीवन दीप जलाए ।
प्राण तुम्हारे लेकर वे ही हँसे प्रथम पीछे पछताए ।।४।।
धर्मवीर हकीकत राय 👇🏻https://aryaveerdal.in/dhramveer-hakikat-ray/