युग परिवर्तनकारी छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म दिवस (19 फरवरी)

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समस्त भारतवासियों को गौरवान्वित करने वाले एवं स्वराज्य और सुशासन को समर्पित, युग परिवर्तनकारी छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं…

आज ही के दिन 19 फरवरी 1630 को छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था।

स्वयं झुका है जिसके आगे,

हर क्षण भाग्य विधाताधन्य,

धन्य हे धन्य जीजाई,

जगत वंद माता ॥

जाधव कन्या स्वाभिमानिनी, क्षत्रिय कुल वनिताशाहपुत्र शिवराज जननी तू, अतुलनीय नातामाँ भवानी आराध्य शक्ति से, तुझको बल मिलता

॥१॥

राज्य हिन्दवी स्वप्न ध्रुवों का, मावल अंतर में अश्वटाप शिवसैन्य कांपती,

मुग़ल सल्तनत मन में अमर हो गयी तव वचनों हित, सिंहगढ़ की गाथा

॥२॥

हर हर हर हर महादेव हर, घोष गगन गूंजामहापाप तरु अफजल खां पर, प्रलय काल टूटा मूर्तिभंजक अरिशोणित से, मातृ चरण धुलता

॥३॥

छत्रपति का छत्र देख कर, तृप्त हुआ तन मनदिव्य देह के स्पर्श मात्र से, सार्थ हुआ चन्दनप्रेरक शक्ति बने हर मन की, जीवन जन सरिता

॥४॥

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…….जिन राष्ट्र- उन्नायक वीर पुरुषों के नाम भारतीय इतिहास में जगमगाते रहेंगे, उनमें छत्रपति शिवाजी महाराज का स्थान सर्वश्रेष्ठ में से एक है। छत्रपति शिवाजी महाराज की राजनीति और राज्यनीति मानों अमृत और संजीवनी दोनों ही है। उनकी गद्दी घोड़े की पीठ अर्थात उनका स्वधर्म सच्चा क्षत्रिय धर्म था।

सत्ता- भोग का जीवन उनके पास नहीं फटका तो इसका कारण यह था कि वह उन्हें अभीष्ट न था। इसलिए आरंभ से आज तक उनका जीवन संघर्ष और पराक्रम का रहा और स्वयं के लिए कुछ स्थापित करने की बात ही उन्हें कभी नहीं सूझी। किन्तु उनके चरित्र से जिस चैतन्य की सृष्टि हुई और जन जीवन में जो मनस्विता जाग्रत हुई, जिसमें समूचा राष्ट्र लगभग एक शताब्दी तक दीप्तिमान रहा।

छत्रपति शिवाजी महाराज की शासन व्यवस्था :-

छत्रपति शिवाजी महाराज की शासन व्यवस्था ने सभी वर्गों को राष्ट्रीयता की भावना से ओतप्रोत किया और ऐसी व्यवस्था का निर्माण किया, जिसमें सभी विभागों का सृजन एवं संचालन कुशलता से हो। सामान्यतः नेतृत्व करने वाले अधिकांश नायकों में परिस्थितियों को समझने और उसके सम्बंधमें विभिन्न प्रकार के अनुमान लगाने की क्षमता सामान्य से अधिक होती है- और होनी भी चाहिए।

छत्रपति शिवाजी महाराज जी ने अपने सम्पूर्ण जीवन काल में राज्य- व्यवहार करते हुए किसी भी क्षण परिस्थिति का आकलन या मूल्यांकन करने में लेशमात्र भी भूल नहीं की। प्रतिभा जन्मजात और पालन से परिष्कृत होती है। छत्रपति शिवाजी महाराज जी के पराक्रमी समस्त भारतवासियों को गौरवान्वित करने वाले एवं स्वराज्य, सुशासन और सुराज को समर्पित, युगपरिवर्तनकारी छत्रपति शिवाजी महाराज को शत शत नमन।

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