प्रेरणादायक गीत –
प्रभु पूरी दुनिया का सबसे प्रमुख शान है
कितना महान है तू कितना महान है 2
यहां वहां कोने कोने तू ही मशहूर है
निकट से निकट और दूर से भी दूर है २
तुझ में समाया हुआ सकल जहान है
कितना महान है तू कितना महान है २
प्रभु सारी… कितना महान है तू…
तू ही एक मालिक है सारी कायनात का
फूलों भरी क्यारियों का तारों की जमात का २
तेरी ही ज़मीन है ये तेरा आसमान है
कितना महान है तू कितना महान है २
प्रभु सारी… कितना महान है तू…
सबने जो रंग देखे सभी तेरे रंग हैं
जग में अनेक तेरे पालने के ढंग हैं २

तुझ को छोड़े बड़े सबका ही ध्यान है
कितना महान है तू कितना महान है २
प्रभु सारी… कितना महान है तू…
जितने भी दुनिया में जीव देहधारी हैं
सभी तेरे प्यार के समान अधिकारी हैं २
‘पथिक’ सभी को दिया तूने वरदान है
कितना महान है तू कितना मँहान है २
प्रभु सारी… कितना महान है तू…
स्वर एवं रचना –
सत्यपाल पथिक (वैदिक भजनोपदेशक)
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