जग को जगाने वाला, आर्य समाज है।
जग की पुकार है यह, युग की आवाज़ है।
आर्य समाज है यह, आर्य समाज है ।
ईश की उपासना का रास्ता दिखा दिया।
जड़ की आराधना के पाप से बचा दिया।
पाखण्ड ढोंग जिसके बल से काँप रहा आज है।।
विदेशियों की ठोकरों ने कर दिया बेहाल था।
दम्भियों का ओर छोर फैला हुआ जाल था ।
दीन देश जाति की बचाई जिसने लाज है ।।
हम दयानंद के दीवाने 👉🏻https://aryaveerdal.in/ham-dyanand-ke-deewane/
नारियाँ भी वेद का पुनीत गानकर रहीं।
रूढ़ियां कुरीतियाँ हैं अपने आप मर रहीं।
वेद के प्रकाश का जो कर रहा सुकाज है ।।
कौन है जो आर्यों की भावना जगा गया।
कौन मौत से हमें झूझना सिखा गया।
श्रद्धानन्द लेखराम प्यारा हंसराज है ।।
देश हित में वार दी अनेक ही जवानियाँ ।
जिसने रक्त से लिखी है देश की कहानियाँ ।
लाजपत लुटाके आज पा लिया स्वराज है ।।
आर्य राष्ट्र निर्माण 👉🏻 https://aryaveerdal.in/aary-rashtra-nirman/