संगठन हम करें, आपदों से लड़ें, हमने ठाना ।
हम बदल देंगे सारा जमाना ।।
वीर प्रताप के शेर जागो, वीर बन्दा की शमशीर जागो ।
बज रहा है बिगुल, नौजवाँ तू निकल, रण में जाना ||१||
शेर शिवराज की तेग खड़के, ध्वनि हर-हर महादेव भड़के।
शक्ति हो साथ में, ओ३म् ध्वज हाथ में, बढ़ते जाना । । २ ।।
चाहे आँधी या तूफान आए, वर्षा ओले या बादल हों छाए ।
हम रुकेंगे नहीं, और झुकेंगे नहीं, बढ़ते जाना ।।३।।
आर्य वीरों ने यह राग गाया, वैदिक राज्य का डंका बजाया।
हम जिएँ या मरें, छल बलों से लड़ें, हमने ठाना || ४ ||