आर्य वीर दल मुंबई द्वारा आयोजित “आदर्श जीवन निर्माण शिविरं संपन्न

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*आर्य वीर दल मुंबई द्वारा आयोजित “आदर्श जीवन निर्माण शिविर” संपन्न*

आदर्श जीवन निर्माण शिविर आर्य प्रतिनिधि सभा मुंबई के तत्वावधान में आर्य समाज मुलुंड‌ कॉलोनी के सहयोग से यह शिविर बहुत ही उत्साह के साथ संपन्न हुआ ।

सोमवार दिनांक 1 मई से रविवार 7 मई 2023 तक यह आवासीय शिविर रखा गया इसमें लगभग 40 बच्चों ने भाग लिया ।

सुबह 4:30 से रात्रि 10:00 बजे तक विभिन्न कार्यक्रमों में बच्चों ने *योग प्राणायाम, आसन , सर्वांग सुंदर व्यायाम, कराटे, सूर्य नमस्कार, भूमि नमस्कार, दंड , बैठक , डंबल, लेझीम, लाठी , भाला, छुरी चाकू, स्केटिंग, गन शूटिंग , आर्चरी धनुर्विद्या इसके अलावा बौद्धिक स्तर को अच्छा करने के लिए वैदिक गणित, अनुशासन , चरित्र निर्माण, माता पिता, अपने देश के प्रति कर्तव्य आदि विषयों पर विभिन्न विद्वानों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। आर्य समाज मुलुंड कॉलोनी के महामंत्री आदरणीय *श्री भूपेश गुप्ता जी* ने बच्चों को दैनिक जीवन में आने वाली समस्याएं जैसे इलेक्ट्रिक से आने वाली समस्याओं से कैसे बचें और किसी भी प्रकार आग को कैसे बुझाएं इसका डेमो करके दिखाया इसका बच्चों के मन पर अच्छा प्रभाव पड़ा । *श्री विक्रम गुप्ता जी* ने आर्य वीरों को वैदिक गणित के कुछ सूत्र भी दिए जिससे बच्चो में वैदिक गणित के प्रति रुचि बड़ने लगी।

*आचार्य नागेश जी* ने बच्चों के दैनिक व्यवहार में उपयोगी अनुशासित जीवन जीने की कला सिखाई । *श्री नरेंद्र वेदालंकर जी* ने व्यवहारिक जीवन में आने वाली समस्याओं के प्रति सजगता की बात कही *श्री नरेश चंद्र शास्त्री जी* ने विद्यार्थी के पांच लक्षण बताते हुए विद्यार्थी जीवन में सफलता की बात कही। *काक चेष्टा बको ध्यानाम श्वान निद्रा तथौव च, अल्पाहारी गृह त्यागी विद्यार्थी पंच लक्षणम ।।*- मनुस्मृति *श्री ब्रह्मचारी अरुण आर्यवीर* जी ने आर्य समाज के नियम व सिद्धांतों की जानकारी दी सादगी ही विद्यार्थी का गहना है *श्री नगेंद्र शास्त्री जी* ने बच्चों को संस्कृत के प्रति आकर्षित किया और दैनिक जीवन में काम आने वाले संस्कृत के कुछ शब्दों से परिचय कराया । *श्री राजदेव शास्त्री जी* ने व्यवस्था में पूरा सहयोग कियाआर्य वीर दल के महामंत्री *आचार्य धर्मधर जी* आर्य 7 दिन तक बच्चों के साथ रहकर धर्म , संस्कृति, सभ्यता , संध्या हवन आदि का विद्यार्थी के जीवन में कितना महत्व है इस पर चर्चा की धर्म के वास्तविक स्वरूप को बहुत ही सरल भाषा में आर्य वीरों को समझाया और “ये टोली है मतवाली आर्य वीर दल वाली” आदि जोशीले गीत सुना कर आर्यवीरों में जोश भरने प्रयास किया। आर्य वीर दल मुंबई के संचालक *नरेंद्र शास्त्री जी* ने आर्य वीरों को अभिवादन का सही अर्थ समझाते हुए वैदिक अभिवादन “नमस्ते” ही है बच्चों को बताया कि अपने माता पिता एवं गुरुजनों के अभिवादन,सेवा तथा उनकी आज्ञा पालन करने से जीवन में चार चीजें सरलता से मिलती है “आयु विद्या यश और बल” यह दुनिया के किसी भी मार्केट में नहीं मिलेगी इन चीजों की जीवन में स्वत: ही बढने लगती है ।

हमारे जीवन में मित्रों का महत्वपूर्ण स्थान होता है इसलिए हमें अच्छे मित्र बनाने की आवश्यकता है अच्छे मित्र को 6 लक्षणों से अवगत कराया यज्ञ करते हुए यज्ञ का महत्व और यज्ञोपवीत का अर्थ यज्ञोपवीत के तीन धागे हमारे ऊपर 3 ऋणों की याद दिलाते हैं और उनसे हमें उऋण होने का प्रयास करना चाहिए हमारे तीन गुरु होते हैं माता पिता और आचार्य इनके ऋण हमेशा हमारे ऊपर होते हैं इनके द्वारा ही हम अच्छे मानव बनते हैं ज्ञान के बिना पशु और मनुष्य में कोई अंतर नहीं है एक आदर्श व्यक्तित्व बनाने में सहायक होते हैं । *श्री कल्पेश आर्य जी* ने अपनी स्वरचित कविताओं के द्वारा आर्य वीरों में देश भक्ति की भावना जागृत की ।आदर्श जीवन निर्माण शिविर के समापन के कार्यक्रम में आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान *श्री वेद प्रकाश जी गर्ग* ने बच्चों को योगासन प्राणायाम आदि नित्य प्रति करने का अपील की और महामन्त्री *महेश वेलाणी जी* ने बचपन में आर्य वीर दल के शिविर का उदाहरण देकर आर्यवीरों को प्रेरणा दी कि आप लोग भी इस शिविर से अपने जीवन में कुछ परिवर्तन लाकर दिखाना जिससे आपका आपके माता-पिता, आपके समाज और देश का नाम रोशन कर सकें ।

पतंजलि समिति से श्री *सुरेश यादव, पोपट राव, श्री प्रभाकर म्हात्रे, पं.कैलाश द्विवेदी* की भी उपस्थिति रही।” *आर्य वीर गौरव”* के सम्मान से सम्मानित आर्य वीर *श्री हीरा लाल जी मकवाना* के सम्मान में आचार्य धर्मधर आर्य द्वारा रचित काव्यमय “सम्मान पत्र” का पाठ किया गया और उन्हें एक ट्राफी भी पूरे सम्मान के साथ प्रदान की गई। उन्होंने इस सम्मान के लिए सभी आधिकारियों का आभार व्यक्त किया।दिल्ली से पधारे आर्य वीर दल के वरिष्ठ शिक्षक आदरणीय *श्री हरि सिंह आर्य जी और मुंबई के सहयोगी शिक्षक श्री अनुज आर्य* ने बच्चों के अंदर की प्रतिभा को बाहर निकाल उन्हें एहसास दिलाया यदि आप संकल्प ले लो तो आपके लिए कोई कार्य मुुश्किल नहीं है इसी प्रेरणा ने बच्चों में जोश भर दिया ।इस प्रकार भव्य प्रदर्शन के साथ यह कार्यक्रम संपन्न हुआ । आर्यवीरों के प्रदर्शन को देख कर उनके अभिभावक गण बहुत ही प्रसन्न हुए और आगे भी इसी प्रकार के शिविर रखने का आयोजकों को आग्रह किया। अंत में ध्वजावतरण एवं शांति पाठ के साथ *शिविराध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सहानी जी* ने शिविर समापन की घोषणा की। महामन्त्री आर्य वीर दल मुम्बई

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