हो आदर्श हमारा जीवन, ऐसा कर दिखलायें
हम आर्यवीर बन जायें।
तन को सुंदर स्वस्थ बनाना हमारा कर्तव्य है,
धर्म अर्थ और काम मोक्ष सबका जो आधार है।
शिवसंकल्प रहे मन निशिदिन ऐसा यत्न बनाये ,
हम आर्यवीर बन जायें ।।1।।
आज्ञा मान पिता के वन में सौतेले साल बितायें,
असुरों का संहार करके फिर अयोध्या लौट आयें।
जीवन में आदर्श राम का हम भी तो अपनायें,
हम आर्यवीर बन जायें।।2।।
श्रीकृष्ण जी बने सारथी अर्जुन के संग जाई,
अट्ठारह दिनों में कौरव सेना को था दिया हराई।
ब्रह्मतेज और छात्रधर्म का बन आदर्श दिखायें,
हम आर्यवीर बन जायें।।3।।
महाराणा प्रताप शिवा ने नहीं झुकाई,
आक्रमणकारी यवनों से जीवन भर करी लड़ाई।
स्वतंत्रता के पाहरुओ पर क्यों न हम इठलाये,
हम आर्यवीर बन जायें ।।4।।
धर्म की रक्षा की गारंटी सर अपना कटवाये,
गुरु गोविंद सिंह के बच्चों में वाल्स में चुनें।
बलिवेदी पर बंदा बैरागी जीवन भरणकर्ता चढायें,
हम आर्यवीर बन जायें ।।5।।
सत्य धर्म का पथ दिखलाया जहर के प्याले,
किसी ने जले पत्थर फेंके विषधर काले थे।
उपकार क्रमिक ऋषि ने उन्हें आज कैसे लगाया,
हम आर्यवीर बन जायें ।।6।।
दुर्गावती लक्ष्मीबाई ने युद्ध किया था भारी,
आजादी के लिए लेडी लेकर तलवारे दुधारी।
वीर बहादुर मदर्स के चश्मे में शीशे झकये,
हम आर्यवीर बन जायें ।।7।।
बिस्मिल शेख भगत सिंह चंद्र आजादी के परवाने,
सुभाष नेता जी ने सारी दुनिया जाने।
उन वीरों के पदचिन्हों पर आगे बढ़ते जायें,
हम आर्यवीर बन जायें ।।8।।
लेखक स्वामी देवव्रत सरस्वती
