भव्य समापन समारोह आर्य वीर दल प्रांतीय शिविर अजमेर राजस्थान

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परोपकारिणी सभा एवं आर्य वीर दल राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में 22 मई से 29 मई तक 8 दिवसीय व्यायाम एवं चरित्र निर्माण शिविर ऋषि उद्यान अजमेर में आयोजित किया गया। 22 मई को उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता डॉ वेद पाल जी ने की मुख्य अतिथि स्वामी ग्रुप के श्री कोमल जी थे इस अवसर पर डॉ वेद पाल जी ने शिवरार्थियो को संबोधित करते हुए कहा कि ऋषि उद्यान राजस्थान में ही नहीं अपितु पूरे भारतवर्ष में एक ऐतिहासिक स्थान है, जहां महर्षि दयानंद सरस्वती की अस्थियों का विसर्जन किया गया, जहां प्रतिवर्ष योग साधना शिविर, पुरोहित प्रशिक्षण शिविर ,ऋषि मेला आदि अनेकों आयोजन होते हैं ।उन्होंने शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक युवक राष्ट्र की एक इकाई होता है, शिविरों के माध्यम से हम युवाओं में वैदिक संस्कृति, वैदिक धर्म के प्रति जागृति पैदा करने का कार्य करते हैं। आर्य समाज सदा ही राष्ट्र निर्माण के कार्य में आगे रहा है ‌मुख्य अतिथि ने संबोधित करते हुए कहा कि आर्य वीर दल के द्वारा किए गए इस प्रकार के कार्यों से ही समाज और देश का भला हो सकता है ।आज जहां प्रत्येक माता पिता अपने बच्चों की संस्कार हीनता से परेशान हैं, वहीं इस प्रकार के शिविरों के माध्यम से हम अपने बच्चों को संस्कारित कर सकते हैं । राजस्थान आर्य वीर दल के प्रांतीय संचालक भाव देव शास्त्री ने बताया कि इस शिविर में राजस्थान के 24 जिलों के 263 आर्यवीर एवं 15 शिक्षक भाग ले रहे हैं ।इस शिविर में प्रतिदिन प्रातः 4:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक व्यवस्थित दिनचर्या के माध्यम से शिविरार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, उन्होंने कहा कि शिविर में जूडो कराटे आसन ,लाठी ,तलवार, सूर्य नमस्कार, भूमि नमस्कार, दंड बैठक एवं भारतीय खेल का प्रशिक्षण दिया जाएगा ,वही बच्चों के बौद्धिक एवं नैतिक विकास के लिए प्रतिदिन 11 कुंडीय यज्ञ एवं मुनि सत्यजीत जी ,स्वामी विद्यानंद जी ,आचार्य कर्मवीर, प्रधान बौद्धिक शिक्षक नवीन मिश्र ,आदि विद्वानों के प्रवचन होंगे ।इस अवसर पर शिविर संयोजक विश्वास पारीक ,प्रधान शिक्षक सुनील जोशी ,व्यायाम शिक्षक सुशील आर्य, भागचंद आर्य ,जीवन लाल आर्य ,जितेंद्र आर्य ,मंत्री राजूराम आर्य,प्रचार मंत्री गजेंद्र आर्य ,सह संचालक दशरथ आर्य आदि ने गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया ।

आर्य वीर दल राजस्थान का यह भव्य शिविर जिसमें राजस्थान हरियाणा मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश दिल्ली आदि प्रदेशों से आर्य वीरों ने भाग लिया । शिविर में आयोजित बौद्धिक सत्र को संबोधित करते हुए प्रधान बौद्धिक शिक्षक नवीन मिश्र ने शिवरार्थियों को महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन से परिचित करवाते हुए कहा कि महर्षि दयानंद का जन्म टंकारा गांव गुजरात प्रांत में हुआ ।स्वामी विरजानंद से शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत उन्होंने वैदिक धर्म के प्रचार प्रसार के लिए अपना जीवन लगाया ।महर्षि दयानंद ने अनेकों कष्टों को सहन किया कई बार उन्हें विष दिया गया उन पर प्राणघातक प्रहार किए गए लेकिन महर्षि दयानंद सरस्वती कभी भी अपने धर्म से विचलित नहीं हुए। स्वामी विद्यानंद सरस्वती ने कहा कि हमें अपने जीवन को सुखी बनाने के लिए यम नियमों का पालन करना चाहिए ।कभी भी हमें झूठ नहीं बोलना चाहिए ,चोरी नहीं करनी चाहिए ,कड़वा नहीं बोलना चाहिए ,अच्छे गुणों को जीवन में धारण करके ही हम सुखी हो सकते हैं ।आचार्य कर्मवीर ने आर्य वीरों को ब्रह्मचर्य के महत्व एवं व्यायाम के महत्व के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि जो आर्यवीर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहता है अपने शरीर की शक्ति को बढ़ाना चाहता है उसे प्रतिदिन अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित रखते हुए कार्य करना चाहिए ।प्रतिदिन व्यायाम करना, सात्विक भोजन, ध्यान, उपासना, स्वाध्याय आदि को अपने जीवन में धारण करना चाहिए ,जिससे कि वह संयम पूर्वक रह सके। प्रांतीय संचालक भवदेव शास्त्री ने बौद्धिक सत्र में ईश्वर का स्वरूप, वर्ण व्यवस्था ,आर्य कौन आदि विषयों पर विस्तार से आर्य वीरों को बताया। प्रांतीय शिविर में आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान के प्रधान श्री किशन लाल जी गहलोत ,उपप्रधान अशोक आर्य पधारे ।अशोक आर्य ने शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आर्य समाज ही ऐसा संगठन है जो सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए सदा प्रयत्नशील रहता है। किशन लाल गहलोत ने कहा कि आर्य वीर दल आर्य समाज का युवा संगठन है और हमारा यह प्रयास रहेगा कि हम प्रत्येक आर्य समाज में आर्य वीर दल की शाखाओं की स्थापना करें जब तक आर्य समाज के लोग आर्य वीर दल के विकास के लिए ,आर्य वीर दल की उन्नति के लिए, कार्य नहीं करेगें तब तक आर्य समाज का विकास नहीं हो सकता, जिस प्रकार से एक पिता अपने पुत्र के भरण-पोषण के लिए प्रयास करता है उसी प्रकार से आर्य समाज को भी आर्य वीर दल की उन्नति के लिए सदा प्रयास करना चाहिए ।मुनि सत्यजीत जी ने शिवराथि्रियो को बौद्धिक सत्र में संबोधित करते हुए व्यक्तित्व विकास के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का विकास आत्मिक शांति के द्वारा कर सकता है। हम बाहर से कितने भी अच्छे कपड़े पहन ले ,अच्छे महंगे जूते पहन ले, महंगे चश्मे लगा ले, इससे केवल हमारे व्यक्तित्व का विकास नहीं होगा ,व्यक्तित्व विकास के लिए जहां अच्छे वस्त्र सादा जीवन और मन की शांति यह प्रमुख भूमिका निभाते हैं ।उन्होंने बच्चों के स्वस्थ रहने के उपाय बताएं ,हमारी दिनचर्या कैसी हो इस पर भी उन्होंने आर्य वीरों को समझाया। रात्रि कालीन सत्र को संबोधित करते हुए मुनि सत्यजीत ने कहा कि हमें प्रतिदिन सोने से पहले आत्म निरीक्षण करना चाहिए कि मेरे से दिन में कोई गलत काम तो नहीं हुआ मैंने किसी को के साथ गलत व्यवहार तो नहीं किया इस प्रकार से अपना निरीक्षण हम करते रहेंगे तो हमारे जीवन में सुधार होता रहेगा हम अपने आप को सुधारते चले तो निश्चित रूप से हमारे दुर्गुण और दुर्व्यसन शीघ्र ही दूर हो जाएंगे ।शिविर में गुलाब चंद जी आर्य कोटा, शंकर सिंह आर्य संभाग संचालक अजमेर ,आदि ने अपनी सेवाएं प्रदान की एवं प्रांत के अनेकों व्यायाम शिक्षक जितेंद्र आर्य भागचंद आर्य जीवन लाल आर्य शुभम आर्य गिरीश आर्य कैलाश आर्य मनोहर आर्य पीयूष आर्य सुशील आर्य लक्ष्मण आर्य आदि शिक्षकों ने अपनी सेवा दी शिविर का मुख्य आकर्षण प्रतिदिन 11 कुंडीय गायत्री महायज्ञ रहा जिसमें आर्य वीरों ने भाग लिया संध्या एवं यज्ञ का प्रशिक्षण प्राप्त किया, नशा मुक्ति का संकल्प लिया। शिविर के दौरान आर्य वीरों का यज्ञोपवीत संस्कार किया गया। यह जो पवित्र का महत्व बताते हुए सह संचालक आचार्य रविशंकर में कहा कि हम सब के ऊपर तीन प्रकार के ऋण होते हैं इन ऋणों से मुक्ति का यह यज्ञोपवीत हमें संदेश देता है ,यह हमारे धर्म का चिन्ह है और जिसे हमें हमेशा धारण करना चाहिए ,आज के फैशन के युग में हम अपने धर्म और अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे हैं ।आर्य वीर दल का प्रत्येक युवक अपने गले में जनेऊ एवं सिर पर चोटी अवश्य रखें। नशा मुक्ति रैली प्रांतीय शिविर में 1 दिन नशा मुक्ति रैली का आयोजन किया गया और इस रैली के माध्यम से जनता को नशे से बचने का संदेश दिया गया। 29 मई को सायं 6:00 बजे से शिविर का समापन समारोह बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया जिसमें आरे वीरों के द्वारा भव्य व्यायाम प्रदर्शन का आयोजन किया गया शिविर को समारोह को डॉ वेद पाल जी सुभाष जी नरवाल कोषाध्यक्ष प्रांतीय संचालक भव देव शास्त्री मंत्री राजूराम आर्य , शिविर संयोजक संचालक विश्वास पारीक सुनील जोशी आदि ने संबोधित किया ।

 

 

 

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