हमको है अभिमान देश का ।
जिसके पाँव पखारे सागर, गंगा भरे संवारे गागर ।
शोभित जिस पर स्वर्ग वही तो, शीश मुकुट हिमवान् देश का।।१।।
जिसके रजकण का कर चन्दन, झुक झुक नभ करता पद वन्दन ।
कली कली का प्राण बोलता, स्वर्ण रश्मि का गान देश का ।। २।।
यह गगन हमारा है 👇 https://aryaveerdal.in/yah-gagan-hamara-hai/
कोटि बाहु में शक्ति इसी की, कोटि प्राण में भक्ति इसी की ।
कोटि कोटि कण्ठों में गुञ्जित, मधुर मधुर जयगान देश का।।३।।
इस पर तन मन प्राण निछावर, भाग्य और भगवान निछावर ।
सींच खून से हम देखेंगे, मुख पङ्कज अम्लान देश का । । ४ । ।
भारत के तुम वीर सिपाही 👇https://aryaveerdal.in/bharat-ke-tum-veer-sipahi/